अथर्व वेद, वेदों की सूची में चौथे स्थान पर है और पाठकों को विभिन्न तात्त्विक विचारों को देने के लिए जाना जाता है। <br /><br />Don't forget to Share, Like & Comment on this video<br /><br />Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY <br /><br />१ अथर्व वेद हिन्दू धर्म के वैदिक ग्रंथों में से चौथा वेद है <br /> <br />२ वैदिक संस्कृत में रचित अथर्व वेद ७३० भजनों का एक संग्रह है जिसमें लगभग ६,००० मंत्र हैं, जिन्हें २० काण्ड में विभाजित किया गया है। प्रत्येक काण्ड वास्तव में सूक्त में और इन सूक्तों को मंत्र में विभाजित किया है <br /> <br />३ इसे कई अन्य नामों से कहा जाता है जिसमें अथर्वंगी-रस, अंगिरसा, क्षत्रावेद और अन्य समाविष्ट है <br /> <br />४ इस वेद का नाम महान इसके लेखक ऋषि अथर्वन के नाम पर रखा गया जो ऋषि वशिष्ठ के पुत्र थे <br /> <br />५ ऐसा कहा जाता है कि ऋषि अथर्वन एक प्राचीन ऋषि थे, जिन्होंने 'स्वर्ग से अग्नि को लाया था' हमारे लिए अग्नि प्रथा अनुष्ठान के रूप में पेश किया <br /> <br />६ इसकी विशेष विशेषताओं के कारण, अथर्ववेद अन्य तीन वेदों, विशेष रूप से ऋग्वेद से थोड़ा अलग है।<br /> <br />७ अथर्ववेद का एक प्रमुख भाग आठ प्रमुख विषयों को समाविष्ट करता है जो है; भैषज्य सूक्त, पौषिटक सूक्त, आयुष्य सूक्त, अभिचारक सूक्त, प्रायशिचत्त सूक्त, राजकर्म सूक्त और ब्राह्राण्य सूक्त<br /> <br />८ यह विषय विभिन्न रोगों के इलाज, लंबी उम्र, सांसारिक प्रगति, क्षत्रा, शासन कला, शुद्धि और तपस्या, इच्छाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न संस्कार और ब्राह्मण का स्वरूप इन की जानकारी देते हैं <br /> <br />९ आप इस चौथे वेद के बारे में क्या सोचते हैं यह हमें कमेंट बॉक्स में बताइए और अधिक वीडियो पाने के लिए अर्था से जुड़े रहे <br /><br />Like us @ Facebook - https://www.facebook.com/ArthaChannel/ <br />Check us out on Google Plus - https://goo.gl/6qG2sv <br />Follow us on Twitter - https://twitter.com/ArthaChannel <br />Follow us on Instagram -https://www.instagram.com/arthachannel/ <br />Follow us on Pinterest - https://in.pinterest.com/channelartha/ <br />Follow us on Tumblr - https://www.tumblr.com/blog/arthachannel